Forms of Education:
शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया : प्रमुख शिक्षाशास्त्री Adems ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “Evaluation of Education Theory” में शिक्षा को एक द्विमुखी प्रक्रिया बताया।उनके अनुसार शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करता है जिससे उसके व्यवहार में परिवर्तन होता है।
Bipolar process TEACHER
STUDENT
शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया : शिक्षा शास्त्री John Dewey ने Adems के अनुसार शिक्षा को द्विमुखी प्रक्रिया ना मानकर त्रिमुखी प्रक्रिया माना है। उनका कहना है कि शिक्षा की प्रक्रिया में अध्यापक और शिक्षार्थी के बीच अंतरक्रिया का कोई ना कोई आधार अवश्य होता है और वह आधार है "समाज”|
समाज में रहकर ही बालक का विकास हो सकता है।
समय ही यह तय करता है कि बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार बालक को कौन कौन विषय बताए जाने चाहिए। इस प्रकार त्रिमुखी प्रक्रिया में शिक्षक और शिक्षार्थी के अलावा एक तीसरा तत्व भी है जिसे पाठ्यक्रम कहते हैं।
TEACHER
STUDENT SYLLABUS
शिक्षा एक बहुमुखी प्रक्रिया: आधुनिक समय में शिक्षा की अवधारणा को व्यापक रूप में स्वीकार किया गया जिसमें शिक्षा केवल विद्यालय व पाठ्यक्रम तक ही सीमित नहीं है उसमें उसके सामाजिक आर्थिक और मनोवैज्ञानिक क्रिया कलापों का भी बहुत महत्व है। विद्यालय के अलावा औपचारिक तथा अनौपचारिक, निरौपचारिक साधनों को भी शिक्षा का साधन माना गया है। स्वअध्ययन करने के लिए या कामकाजी रोजगार युक्त विद्यार्थियों के लिए दूरस्थ शिक्षा, अंशकालिकशिक्षा, पत्राचारशिक्षा प्रमुख विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न संस्थाओं एवं सेवा केंद्रों पर बल दिया जा रहा है। इस प्रकार शिक्षा से औपचारिक ना होकर बहू प्रक्रिया बन गई है।
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शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया : प्रमुख शिक्षाशास्त्री Adems ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “Evaluation of Education Theory” में शिक्षा को एक द्विमुखी प्रक्रिया बताया।उनके अनुसार शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करता है जिससे उसके व्यवहार में परिवर्तन होता है।
Bipolar process TEACHER
STUDENT
शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया : शिक्षा शास्त्री John Dewey ने Adems के अनुसार शिक्षा को द्विमुखी प्रक्रिया ना मानकर त्रिमुखी प्रक्रिया माना है। उनका कहना है कि शिक्षा की प्रक्रिया में अध्यापक और शिक्षार्थी के बीच अंतरक्रिया का कोई ना कोई आधार अवश्य होता है और वह आधार है "समाज”|
समाज में रहकर ही बालक का विकास हो सकता है।
समय ही यह तय करता है कि बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार बालक को कौन कौन विषय बताए जाने चाहिए। इस प्रकार त्रिमुखी प्रक्रिया में शिक्षक और शिक्षार्थी के अलावा एक तीसरा तत्व भी है जिसे पाठ्यक्रम कहते हैं।
TEACHER
STUDENT SYLLABUS
शिक्षा एक बहुमुखी प्रक्रिया: आधुनिक समय में शिक्षा की अवधारणा को व्यापक रूप में स्वीकार किया गया जिसमें शिक्षा केवल विद्यालय व पाठ्यक्रम तक ही सीमित नहीं है उसमें उसके सामाजिक आर्थिक और मनोवैज्ञानिक क्रिया कलापों का भी बहुत महत्व है। विद्यालय के अलावा औपचारिक तथा अनौपचारिक, निरौपचारिक साधनों को भी शिक्षा का साधन माना गया है। स्वअध्ययन करने के लिए या कामकाजी रोजगार युक्त विद्यार्थियों के लिए दूरस्थ शिक्षा, अंशकालिकशिक्षा, पत्राचारशिक्षा प्रमुख विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न संस्थाओं एवं सेवा केंद्रों पर बल दिया जा रहा है। इस प्रकार शिक्षा से औपचारिक ना होकर बहू प्रक्रिया बन गई है।
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